भारत में महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है स्तन कैंसर। यह चिंताजनक स्थिति 28 में से 1 महिला को प्रभावित करती है, जिसमें से 60% ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। 25 से 40 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं भी इस बीमारी की चपेट में आ रही हैं। प्रसिद्ध कैंसर सर्जन डॉ. सर्वेश गुप्ता इस गंभीर विषय पर प्रकाश डालते हैं और जागरूकता, रोकथाम और इलाज के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
स्तन कैंसर के लक्षण
स्तनों में गांठ – यह स्तन कैंसर का सबसे आम लक्षण है। गांठ आमतौर पर कठोर और दर्द रहित होती है, लेकिन कभी-कभी दर्दनाक भी हो सकती है।
स्तनों में दर्द – स्तन में दर्द, खासकर यदि यह निप्पल के पास हो या लगातार बना रहे, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।
स्तनों में त्वचा में परिवर्तन – स्तनों की त्वचा में लालिमा, खिंचाव, चमकदार होना या छिलके उतरना स्तन कैंसर का संकेत हो सकता है।
निप्पल से स्राव – निप्पल से साफ, सफेद, पीले या भूरे रंग का तरल पदार्थ निकलना, खासकर यदि यह एक स्तन से हो, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।
निप्पल में परिवर्तन – निप्पल का अंदर की ओर मुड़ना, आकार या रंग में बदलाव, या त्वचा का फटना स्तन कैंसर का संकेत हो सकता है।
बगल में गांठें – बगल में गांठें स्तन कैंसर के बढ़ने का संकेत हो सकती हैं।
अस्पष्टीकृत थकान – अत्यधिक थकान जो बिना किसी कारण के होती है, यह स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है।
डॉ. सर्वेश गुप्ता सलाह देते हैं कि इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जल्दी पता लगाने से इलाज की सफलता दर काफी बढ़ जाती है।
स्तन कैंसर के कारण
आनुवंशिकी – यदि परिवार में किसी महिला को स्तन कैंसर हुआ है, तो अन्य महिलाओं को भी खतरा होता है। BRCA1 और BRCA2 जीन में म्यूटेशन स्तन कैंसर के खतरे को काफी बढ़ा देते हैं।
जीवनशैली – अस्वस्थ आहार, धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवनऔर व्यायाम की कमी स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
देर से गर्भधारण – 30 वर्ष की आयु के बाद पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
जन्म नियंत्रण गोलियां – इनका अत्यधिक उपयोग स्तन कैंसर के खतरे को थोड़ा बढ़ा सकता है।
असामान्य मासिक धर्म – 12 वर्ष से पहले मासिक धर्म शुरू होना या 55 वर्ष से पहले बंद होना स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
स्तन कैंसर की रोकथाम
नियमित स्तन परीक्षण – डॉक्टर से सलाह लें कि आपके लिए कितनी बार स्तन परीक्षण करवाना चाहिए।
स्वस्थ जीवनशैली – स्वस्थ आहार लें, नियमित व्यायाम करें, धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
वजन नियंत्रण – स्वस्थ वजन बनाए रखें।
तनाव कम करें – योग, ध्यान जैसी गतिविधियों से तनाव कम करें।
स्तनपान – यदि संभव हो तो अपने बच्चे को स्तनपान कराएं।
जन्म नियंत्रण विधियों का सावधानीपूर्वक चयन – यदि आप जन्म नियंत्रण गोलियों का उपयोग करती हैं, तो अपने डॉक्टर से उनके संभावित जोखिमों और लाभों के बारे में बात करें।
स्तन कैंसर का इलाज
स्तन कैंसर का इलाज स्टेज, आयु और समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। डॉ. सर्वेश गुप्ता के अनुसार, इलाज के विकल्पों में सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोनल थेरेपी और लक्षित चिकित्सा शामिल हैं।
सर्जरी – इसमें स्तन कैंसर वाले ऊतक को हटाना शामिल है।
कीमोथेरेपी – यह दवाओं का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को मारता है।
रेडिएशन थेरेपी – यह उच्च ऊर्जा किरणों का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को मारता है।
हार्मोनल थेरेपी – यह हार्मोन को अवरुद्ध करती है जो स्तन कैंसर के विकास को बढ़ावा देते हैं।
लक्षित चिकित्सा – यह विशिष्ट प्रकार के कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने वाली दवाओं का उपयोग करती है।
डॉ. सर्वेश गुप्ता का संदेश
स्तन कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन जल्दी पता लगाने और उचित इलाज से इसे हराया जा सकता है। महिलाओं को नियमित स्तन परीक्षण करवाना चाहिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए और किसी भी लक्षण के बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
यह लेख स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने और महिलाओं को इस बीमारी से बचाने में मदद करने के लिए है। किसी भी चिकित्सा सलाह या उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी है।
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