स्तन कैंसर: महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी

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नमस्ते!

मैं डॉक्टर डाॅ0 सर्वेश गुप्ता, और आज मैं आपको स्तन कैंसर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहता हूँ। स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है, और यह पुरुषों में भी हो सकता है।

स्तन कैंसर क्या है?

स्तन कैंसर तब होता है जब स्तन में स्तन कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और एक ट्यूमर बनाती हैं। यह ट्यूमर स्तन के किसी भी हिस्से में हो सकता है, और यदि इसका इलाज समय पर नहीं किया जाता है, तो यह आसपास के ऊतकों में फैल सकता है और शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है।

स्तन कैंसर के लक्षण:

स्तन कैंसर के कई लक्षण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • स्तन में गांठ
  • स्तन की त्वचा में बदलाव, जैसे कि लालिमा, खिंचाव
  • निप्पल से स्राव
  • निप्पल का अंदर की ओर मुड़ना
  • स्तन के आकार या आकार में बदलाव
  • स्तन के आसपास की त्वचा में दर्द या संवेदनशीलता
  • थकान
  • वजन कम होना
  • हड्डियों में दर्द

स्तन कैंसर के जोखिम कारक:

स्तन कैंसर के कई जोखिम कारक हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • उम्र: स्तन कैंसर का खतरा उम्र के साथ बढ़ता जाता है।
  • पारिवारिक इतिहास: यदि आपके परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास है, तो आपको इसका खतरा अधिक होता है।
  • आनुवंशिक उत्परिवर्तन: BRCA1 और BRCA2 जीन में उत्परिवर्तन स्तन कैंसर के खतरे को काफी बढ़ा देते हैं।
  • स्तनपान न कराना: जो महिलाएं कभी स्तनपान नहीं कराती हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा थोड़ा अधिक होता है।
  • मोटापा: रजोनिवृत्ति के बाद मोटापा स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
  • शराब का सेवन: अधिक शराब का सेवन स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
  • हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT): HRT का लंबे समय तक उपयोग स्तन कैंसर के खतरे को थोड़ा बढ़ा सकता है।

स्तन कैंसर की रोकथाम:

स्तन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए आप कुछ चीजें कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें: यदि आप अधिक वजन या मोटे हैं, तो अपना वजन कम करने का प्रयास करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें: प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला व्यायाम करें।
  • शराब का सेवन सीमित करें: यदि आप शराब पीते हैं, तो इसे सीमित मात्रा में करें।
  • धूम्रपान न करें: धूम्रपान स्तन कैंसर सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ाता है।
  • स्तनपान कराएं: यदि संभव हो तो, अपने बच्चों को स्तनपान कराएं।
  • नियमित रूप से स्तन की जांच करवाएं: 40 वर्ष की आयु से शुरू करके, हर साल डॉक्टर से स्तन की जांच करवाएं।
  • मैमोग्राम करवाएं: 50 वर्ष की आयु से शुरू करके, हर दो साल में मैमोग्राम करवाएं।


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